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उत्तराखंड में बेकाबू हुई जंगल की आग, अलग-अलग वनों में धधक रही वनाग्नि; 24 घंटे में प्रदेश में 40 नई घटनाएं

उत्तराखंड में बेकाबू हुई जंगल की आग, अलग-अलग वनों में धधक रही वनाग्नि; 24 घंटे में प्रदेश में 40 नई घटनाएं

उत्तराखण्ड | क्राइम | 5/2/2024, 11:35 PM | Ground Zero Official

बागेश्वर में अराजक तत्वों से वनों को बचाने के लिए वन विभाग एक्शन मोड में आ चुका है। जंगल जलाने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, वहीं दूसरी ओर अराजक तत्वों को पकड़ने के लिए ड्रोन कैमरे का सहारा लिया जा रहा है। विभागीय अधिकारी संवेदनशील क्षेत्रों में वाहनों से नियमित गश्त कर लोगों को वनों को आग से बचाने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।

प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से फील्ड में उतरने और जंगलों को बचाने के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। जिले में इसका असर दिख रहा है। वन विभाग के रेंजर गश्ती वाहन से नियमित जागरूकता अभियान चला रहे हैं। अधिक वनाग्नि वाले क्षेत्रों में वाहन पर लगे लाउडस्पीकर की मदद से लोगों को आग न लगाने और आग लगाते पकड़े जाने पर होने वाली कानूनी कार्रवाई के बारे में बताया जा रहा है। रेंजर श्याम सिंह करायत ने बताया कि बागेश्वर रेंज के पंद्रहपाली, हड़बाड़, आरे, पंतक्वैराली, जौलकांडे आदि क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम किए जा चुके हैं। अन्य रेंजों में भी रेंजर नियमित लोगों को वनाग्नि नियंत्रण में सहयोग के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

वहीं, आग लगाते हुए चार लोगों के पकड़े जाने के बाद अब अराजक तत्वों की पहचान के ड्रोन कैमरा भी उपयोग में लाया जा रहा है।

वन विभाग को मिले 10 वाहन

संसाधनों की कमी से जूझ रहे वन विभाग को आपदा प्रबंधन की ओर से 10 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। पहले विभाग के पास केवल चार वाहन थे। वाहनों की संख्या बढ़ने से अधिकारियों और कर्मचारियों को गश्त और आग बुझाने में काफी मदद मिल रही है। संवाद

विभाग को वाहन मिलने के बाद आग बुझाने के रिस्पांस टाइम में कमी आई है। गश्त और जागरूकता कार्यक्रम में भी मदद मिल रही है। ड्रोन कैमरे से नजर रखने से अराजक तत्वों की पहचान आसानी से हो सकेगी। -सुनील कुमार, एसडीओ, वन विभाग बागेश्वर।

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